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Raj Dulara

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राज दुलारा   योहान ने जब ली अंगड़ाई ,आँखों में बदली सी छा ई         प्रज्ञा सी ऑंखें मुस्काई ,इस दिल में बजी शहनाई        ख़ुशी मिली इतनी सारी ,मैं जाऊँ उसपर बलिहारी बांकी सी मुस्कान है प्यारी,झलक है अंकित की अति न्यारी  टपका शहद उसके गानों से,मिसरी सी घुली कानों में    खिले गुलाब उसके गालों में,घनी घटा जैसे बालों में     धन धन धन धन भाग हमारे ,झिलमिल तारे आये द्वारे  फूले फले उड़ान भरें वो ,कर दें रोशन चाँद सितारे