कहाँ से तू आया
कहाँ से तू आया ;
कहाँ से तू आया प्राणी?कहाँ पे तू जायेगा ?
इस भेद को ओ मानुष न तू जान पायेगा ,
हाथ में है तेरा जीवन इसे संवार ले रे बन्दे ;
बंद कर दे तू अपने बुरे गोरख -धंधे ;
जो न कहा तूने माना तो तू पछतायेगा ;
फिर किस तरह से तू आत्म तुष्टि पायेगा ?
कहाँ से तू आया प्राणी ?कहाँ पे तू जायेगा ?
इस भेद को ओं मानुष न तू जान पायेगा ;
हर जीव में जो देखे प्रभु के रूप को तू बन्दे ।
कोई असर नहीं करेंगे मोहमाया के फंदे ,
"गीता के सन्देश "को तू जो अपनाएगा ,
फिर तो इस भवसागर से पार उतर जायेगा ;
कहाँ से तू आया प्राणी ?कहाँ पे तू जाएगा ?
इस भेद को ओ मानुष न तू जान पायेगा;
राजश्री
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कहाँ से तू आया प्राणी?कहाँ पे तू जायेगा ?
इस भेद को ओ मानुष न तू जान पायेगा ,
हाथ में है तेरा जीवन इसे संवार ले रे बन्दे ;
बंद कर दे तू अपने बुरे गोरख -धंधे ;
जो न कहा तूने माना तो तू पछतायेगा ;
फिर किस तरह से तू आत्म तुष्टि पायेगा ?
कहाँ से तू आया प्राणी ?कहाँ पे तू जायेगा ?
इस भेद को ओं मानुष न तू जान पायेगा ;
हर जीव में जो देखे प्रभु के रूप को तू बन्दे ।
कोई असर नहीं करेंगे मोहमाया के फंदे ,
"गीता के सन्देश "को तू जो अपनाएगा ,
फिर तो इस भवसागर से पार उतर जायेगा ;
कहाँ से तू आया प्राणी ?कहाँ पे तू जाएगा ?
इस भेद को ओ मानुष न तू जान पायेगा;
राजश्री
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